जयपुर। जयपुर के कला एवं सांस्कृतिक केंद्र, जवाहर कला केंद्र (जेकेके) द्वारा आयोजित 'कथा बेले' फेस्टिवल का बुधवार को समापन हुआ। वरिष्ठ कथक गुरु डॉ शशि सांखला की परिकल्पना एवं नृत्य निर्देशन में आयोजित 'जयति केशवम' में भगवान केशव के 10 अवतारों का सुंदर चित्रण किया गया। प्रख्यात कवि श्री जयदेव द्वारा रचित महाकाव्य 'गीत गोविंद' की अष्टपदी पर आधारित प्रस्तुति को देख सभी कलाप्रेमी भावविभोर हो गए। 'केशव ध्रत दशविध रूप' बंदिश पर आधारित प्रस्तुति में वाचिक, सात्विक एवं आंगिक अभिनय, नवरस एवं हस्त मुद्राओं को कथक के शुद्ध नृत्त पक्ष की खूबसूरती के साथ प्रदर्शित किया गया।
जयपुर कथक घराने की नृत्य शैली में निबद्ध इस प्रयोगात्मक प्रस्तुति में कथक नृत्य में प्रयुक्त की जाने वाली 8 प्रमुख तालों - दादरा, रूपक, कहरवा, एकताल, चौताल, धमार, तीनताल, झपताल का अत्यंत सुंदर समावेश किया गया।
प्रस्तुति के माध्यम से कलाकारों ने संदेश दिया कि ईश्वर सर्व व्यापी और सर्व समर्थ है। भक्तों को अपनी दिव्य लीला प्रदर्शित करने के लिए भगवान् कृष्ण स्वयं, साकार रूप में प्रकट होते हैं। भगवान के विभिन्न अवतारों का श्रवण, कीर्तन और स्मरण करने मात्र से लोग संसार रूपी भवसागर से पार हो जाते हैं।
कार्यक्रम में गायन एवं हारमोनियम पर श्री मुन्ना लाल भाट, तबले पर उस्ताद जफर मोहम्मद खान, सितार पर श्री हरी हर शरण भट्ट, पखावज पर प. प्रवीण आर्य का संगीत था।
कार्यक्रम की सह नृत्य निर्देशिका एवं प्रकाश परिकल्पना डॉ रीमा गोयल की थी। कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले कलाकारों में राजीव सिंह, ईश्वर शर्मा, राधिका अरोरा, निहारिका जोशी, झंकृति जैन, ईशा खंडेलवाल, दिया सिंह, एंजेला मारिया गुरुंग, आइरा कपूर, दिया अग्रवाल, ऐश्वी रूंगटा शामिल थे।